आइस क्यूब मेकर क्या है
घर के लिए एक ऑटोमेटिक आइसमेकर की शुरुआत पहली बार 1953 के आसपास की गई थी और आम तौर पर यह रेफ्रिजरेटर फ्रीजर कंपार्टमेंट के अंदर स्थित होते हैं और यह धातु के मोल्ड में चांद के आकार की आइस क्यूब बनाते थे.
और इनके एक इलेक्ट्रो मैकेनिकल या इलेक्ट्रॉनिक टाइमर होता है और यह पहले सोलेनोइड वाल्व को कुछ सेकंड के लिए खोलता है फिर इसके अंदर आपूर्ति के लिए ठंडे पानी से भर जाता है उसके बाद टाइमर वाल्व को बंद कर देता है और फिर 30 मिनट तक बर्फ जमने के लिए छोड़ देता है. इसके बाद टाइमर कुछ सेकंड के लिए मोल्ड में एक लो पावर इलेक्ट्रिकल हिटिंग पार्ट को ऑन कर देता है. ताकि क्यूब थोडा सा पिघल जाए ता कि
और मोल्ड के साथ चिपका हुआ ना रहे. और अंत में टाइमर एक रोटेटिंग अलार्म को चलाता है जो आइस क्यूब को मोल्ड से निकाल कर एक बिन में डाल देता है. इस तरह से साइकल बार-बार होता है यदि बिन बर्फ से भर जाए तो बर्फ एक वायर अलार्म ऊपर उठा सकता है और फिर बर्फ बनना बंद हो जाएगी.