Integrated Circuit IC क्या है

Integrated circuit IC क्या है

अगर आप इलेक्ट्रिकल में रुचि रखते हैं तो आपने किसी ना किसी इलेक्ट्रिकल उपकरण को खोलकर देखा होगा जैसे कि रेडियो, टेलीविजन या टेलीफोन. इनके अंदर आपको एक PCB circuit board देखने को मिलता है जिसमें इलेक्ट्रिकल के अलग-अलग छोटे और बड़े कंपोनेंट लगे होते हैं. लेकिन इसी के बीच आपको एक काले रंग की IC (इंटीग्रेटेड सर्किट क्या है ) भी देखने को मिलती है जिसे हम इंटीग्रेटेड सर्किट कहते हैं. इंटीग्रेटेड सर्किट आई सी चिप या माइक्रो चिप के नाम से भी जाना जाता है जो कि एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का समय होता है जिसे अर्धचालक पदार्थ (silicon) पर लगाया जाता है जिसे हम IC (एकीकृत परिपथ)  कहते हैं.इस छोटे से सर्किट के अंदर बहुत सारे छोटे-छोटे ट्रांजिस्टर लगाए जाते हैं. जिसके कारण इसका आकार बहुत छोटा हो जाता है और इसके काम करने की स्पीड और बढ़ जाती है और इसमें इलेक्ट्रिसिटी की खपत भी कम होती है.

ic in hindi ? इंटीग्रेटेड सर्किट का आविष्कार Jack Kilby ने 12 सितंबर 1958 में किया था. इसका पेटंट या यूं कहें कि इसका लाइसेंस उन्हें फरवरी 1959 में मिला था .इस आविष्कार के लिए उन्हें सन 2000 में नोबेल प्राइस में दिया गया.इसके बाद में इंटीग्रेटिड आई सी में और बदलाव किए गए और इसे ज्यादा बेहतर बनाया गया आज के समय में हमें जॉब इंटीग्रेटेड सर्किट देखने को मिलते हैं उसमें लाखों-करोड़ों ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है और उनका साइज भी बहुत छोटा है इसीलिए आज हमारे पास इतना छोटा साइज का लैपटॉप है. अगर पहले के मुकाबले आज के किसी भी इलेक्ट्रिकल उपकरण की बात करें तो वह बहुत छोटा और कम बिजली की खपत करने वाला है जिसका कारण इंटीग्रेटेड सर्किट ही है. इस पोस्ट में आपको के बारे में बताने वाले हैं .

इंटीग्रेटेड सर्किट के फायदे

इंटीग्रेटेड सर्किट के बहुत सारे फायदे हैं इंटीग्रेटेड सर्किट के कारण इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया है इलेक्ट्रिकल के जितने भी उपकरण है वह बहुत ज्यादा तेजी से काम करने वाले और कम बिजली का इस्तेमाल करने वाले बन गए हैं इसके अलावा और भी बहुत सारे फायदे हैं जिनकी सूची नीचे दी गई है .

1. Small Size
इंटीग्रेटेड सर्किट का आकार बहुत छोटा होता है और इस छोटे से इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर और भी बहुत सारी सर्किट लगाए गए हैं. इस कारण यह किसी भी उपकरण में बहुत थोड़ी सी जगह लेता है और बहुत सारे काम करती है .
2.Low cost
इंटीग्रेटेड सर्किट को बनाने के लिए बहुत महंगी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह बहुत बड़ी मात्रा में बनाए जाने के कारण इनकी कीमत कम हो जाती है. जिस के कारण यह आपको बाजार में किसी दुकान पर आसानी से मिल जाती है और काफी सस्ती मिल जाती है .
 3.High Reliability 
इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर किसी तरह का कोई भी कारण नहीं होता. और और ना ही किसी तरह की सोल्डरिंग की जाती इसीलिए इसके अंदर बिजली की खपत भी कम होती है और इसी लिए  IC सर्किट की Reliability अधिक होती है .
4.Less power consumption 
इसका साइज छोटा होने के कारण यह बिजली की खपत भी बहुत कम करती है. क्यों किस के अंदर किसी तरह का कोई भी बार नहीं लगा हुआ. इसमें सिर्फ इलेक्ट्रिक कंपोनेंट लगे हुए हैं जिसके कारण यह कम से कम बिजली का इस्तेमाल करती है .जहां पुरानी उपकरण ज्यादा बिजली का इस्तेमाल किस लिए करते थे क्योंकि उनके अंदर स्विचिंग के लिए ज्यादा बड़े कंपोनेंट लगाए गए थे लेकिन इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर हमें स्विचिंग का काम ट्रांजिस्टर द्वारा मिलता है. जिसके कारण यह काम बहुत तेजी से और कम ऊर्जा खपत करके भी मिल जाता है.
5.High speed

जिसका आकार बहुत छोटा होता है और parasitic capacitance के के कारण यह बहुत तेजी से काम करती है.

इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल आज हर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के अंदर किया जाता है जहां पर संभव हो सके इसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ताकि उपकरण के साइज को ज्यादा से ज्यादा छोटा बनाया जा सके.मुख्य तौर पर इसका इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन, पर्सनल कंप्यूटर, माइक्रो कंप्यूटर परआधारित प्रिंटर, इंडस्ट्रियल रोबोट, ऑटोमोबाइल, कपड़े सिलने की मशीन, विडियो गेम्स, कैमरे, इलेक्ट्रॉनिक घड़िया, इलेक्ट्रॉनिक ताले बनाने के लिए किया जाता है .

Integrated Circuits के प्रकार

इंटीग्रेटेड सर्किट को कुछ श्रेणियों में बांटा गया है जैसे कि डिजिटल एनालॉग या मिली हुए इंटीग्रेटेड सर्किट तो इन्हें अलग-अलग काम करने के तरीके के कारण अलग अलग श्रेणी में रखा गया है .जिसके बारे में नीचे आपको ज्यादा अच्छे से बताया गया है .

1.Digital Integrated Circuits
डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट को कुछ खास काम के लिए बनाया जाता है और यह कुछ लिमिट तक ही काम करते हैं इन्हें बनाने के लिए इनमें digital logic gates, multiplexers, flip flops और कुछ दूसरे इलेक्ट्रॉनिक कॉन्पोनेंट लगाए जाते हैं. औरयह लॉजिक गेट सिर्फ बायनरी इनपुट या डिजिटल इनपुट डेटा के आधार पर ही काम करते हैं जैसे कि 0 या 1. डिजिटल IC या डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट के भी कई प्रकार होते हैं जैसे की :
  1. Programmable IC
  2. Memory chips, logic IC
  3. Power management IC
  4. Interface IC
2.Analog Integrated Circuits
जो इंटीग्रेटेड सर्किट एक लगातार सिग्नल के ऊपर काम करती हो उसे एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट कहते हैं. एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट भी दो भागों में विभाजित किया गया है लीनियर इंटीग्रेटेड सर्किट(Linear ICs) और रेडियो फ्रीक्वेंसी इंटीग्रेटेड सर्किट(RF ICs).एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली फ्रीक्वेंसी को operational amplifier या op-amp कहा जाता है. इस इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर बहुत कम मात्रा में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है जबकि डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर काफी ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है.
3.Mixed Integrated Circuits

मिक्स्ड इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है .इस का इस्तेमाल एनालॉग तो डिजिटल और डिजिटल से एनालॉग सिग्नल बदलने के लिए किया जाता है.

4. Logic Circuits
यह IC वैसे तो डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट की तरह बायनरी इनपुट डेटा पर काम करती है. यह IC ज्यादातर निर्णय लेने वाली IC के रुप में इस्तेमाल की जाती है.जैसे कि अगर किसी आई सी की 5 नंबर पिन पर डाटा मिले तो क्या काम करना है और छह नंबर पिन पर डाटा मिले तो क्या काम करना है.
5. Switching ICs

Switching ICs का इस्तेमाल स्विचिंग का काम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. जिस भी उपकरण में स्विचिंग का कार्य बहुत ज्यादा होगा वहां पर इस आई सी का इस्तेमाल किया जाएगा.

6.Audio amplifiers

जहां पर भी ऑडियो इनपुट या ऑडियो आउटपुट का उपयोग होता है उस उपकरण में इससे का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि टेलीविजन रेडियो. इन उपकरण में हमेशा ऑडियो सिग्नल को एंपलीफायर किया जाता है इसीलिए इस IC का इस्तेमाल करके ऑडियो सिग्नल को एंपलीफायर कर सकते हैं .

7.Timer IC
टाइमर आईसी का इस्तेमाल किसी भी सर्किट को किसी समय के आधार पर काम करवाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह IC दो प्रकार की बनाई गई है NE 555 और SE 555. इनमें से NE 555 का इस्तेमाल लगभग सभी उपकरणों में किया जाता है . क्योंकि इसका तापमान की रेंज 00C से 700C तक है. SE 555 का इस्तेमाल मिलिट्री के लिए किया जाता है और इसके तापमान की रेंज -550C से 1250C तक है.टाइमर आईसी का इस्तेमाल और भी बहुत सारे उपकरण बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह बहुत ही साधारण और एक अच्छा काम करने वाली आई सी है.
इस पोस्ट में आपको इंटीग्रेटेड सर्किट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है इंटीग्रेटेड सर्किट क्या होता है इसका क्या काम होता है और यह कितने प्रकार का होता है अगर इसके बारे में और कुछ जानना है तो नीचे कमेंट करके पूछे.
8 Comments
  1. Mo. Sharib says

    Yeh bataiye ki ic ke andar jo chhote chhote transistor kaise lagaye jate hai aur new ic kaise banaya jata hai isko video me dikhaiye

  2. Ajay says

    IC KYA KAM KARTA HAI?

  3. Nitin shankar says

    IC ke bare me bahut kuch mila…jannene ko….very good post ….
    ..ye to pta lag gaya kon c IC kaha use hoti hai….
    ….giod job frnd

  4. golu singh says

    sir hame ye bataiye ki ic chip me bahut sare patala pin lage hote iska kary kya hai

  5. Jeni says

    Some more detail about timer ic

  6. Sandeep says

    Good

  7. Sowpanil pawar says

    audio amplifier IC circuit Mein Kitni Saman Lagte Hai

  8. Prakash Bhoye says

    Ic programm coding kaise karte hai

Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
3kw सोलर पैनल लगवाने का खर्च 2023 में 2kw सोलर पैनल लगवाने का खर्च 2023 में 1KW सोलर पैनल लगवाने का खर्च 2023 में एडवांस Technology 6kw सोलर सिस्टम लगाने का खर्चा भारत का सबसे एडवांस 5kw सोलर सिस्टम लगाने का खर्चा