टर्नर थ्योरी आईटीआई क्वेश्चन पेपर

टर्नर थ्योरी आईटीआई क्वेश्चन पेपर

ITI से टर्नर ट्रेड का डिप्लोमा पा सकते हैं. यह डिप्लोमा 2 साल में आप पूरा कर सकते हैं और दसवीं कक्षा के बाद में आप iti में एडमिशन ले सकते हैं. तो जो विद्यार्थी टर्नर ट्रेड से अपना डिप्लोमा कर रहा है उन विद्यार्थियों के लिए आज इस पोस्ट में हम टर्नर थ्योरी आईटीआई क्वेश्चन पेपर दे रहे हैं जो कि उसकी परीक्षा में मदद करेगा और उसके सामान्य ज्ञान के लिए भी यह जानकारी बहुत जरूरी है. तो जिसमें विद्यार्थी ने टर्नर ट्रेड से डिप्लोमा किया है या कर रहा है उसके लिए यह जानकारी बहुत फायदेमंद है. इसे बड़े ध्यानपूर्वक पढ़ें

1. क्रॉस कट छैनी को केप छैनी भी कहा जाता है.
2. बिना धातु को हटाए थ्रेड रोलिंग विधि के द्वारा स्क्रू थ्रेड का उत्पादन किया जाता है.
3. 20 मिमी व्यास टेंपो पर तीन गोलियां बनी होती है.
4. गेगर का उपयोग कोप में रेत के प्रबलन हेतु किया जाता है.
5. शाफ्ट के सिरों पर सेंटर ड्रिलिंग शाफ्ट के लेंथ पर सेंटरों के मध्य आश्रय देने के लिए की जाती है .
6. दस्ती धातु कटारी का ब्लेड समान्यत में उच्च कार्बन धातु बना होता है.
7. सॉफ्ट सोल्डरिंग 450 डिग्री सेल्सियस पर की जाती है.
8. इंडियन स्टैंडर्ड के लिमिट सिस्टम में टोलरेंस के ग्रेड की संख्या 18 होती है.
9. सुग्राही या बेंच बरमा मशीनों की चाल 3000 चक्कर प्रति मिनट या उससे अधिक होती है.
10. वर्नियर कैलिपर के बीम भाग पर मेन स्केल डिवीजन बने होते हैं.

11. डेप्थ माइक्रोमीटर के साथ विभिन्न साइज की एक्सटेंशन रॉडे आती है.
12. हार्ड स्पीड स्टील में कार्बन की मात्रा 0.6 से 0.75% होती है.
13. सिंगल पॉइंट टूल के द्वारा लेथ नट पर मल्टी स्टार्ट थ्रेड को काटा जाता है.
14. नंबर ड्रिंल सेट के लिए सही रेंज 1से 80 है .
15. सामान्यतया सरफेस प्लेट द्वारा सतह परीक्षण किया जाता है.
16. हाई कार्बन स्टील धातु का प्रयोग स्क्राइबर बनाने के लिए किया जाता है.
17. लो कार्बन स्टील धातु के पार्ट्स की सरफेस को हार्ड करने के लिए कर्बुराइजिंग करते हैं.
18. डाई का प्रयोग चूड़ी बनाने में होता है.
19. ड्रिल में लिप क्लीयरेंस कोण 15 डिग्री रखा जाता है.
20. आयरन और कार्बन के मिश्रण को स्टील कहते हैं.

21. फाइल की हार्डनेस 60 HRC होती है.
22. कास्ट आयरन की चिपिंग करते समय कटिंग एंगल 60 डिग्री होता है.
23. एनीलिंग करने का मुख्य उद्देश्य मशीनिंग गुणों में सुधार लाना है.
24. हैक्सा में ब्लेड की सेटिंग आगे की ओर करते हैं.
25. प्लग गेज का प्रयोग छेद की माप जांचने के लिए होता है.
26. बेंच वाइस के स्पीडल पर वर्गाकार चूड़ियां होती है.
27. बैच वाइस नाप स्पेन्डील की नाप के द्वारा दिया जाता है.
28. गैस कर्बुराइजिंग के लिए ऐसीटिलीन प्रयोग किया जाता है .
29. 1 बोल्ट पर नट के पूरे चक्कर को पिच कहते हैं.
30. वर्नियर बेवल प्रोटेक्टर के डायल भाग पर वर्नियर डिवीजन बने होते हैं.

31. टेपिंग के लिए ड्रिल का साइज टेप के साइज से कम होना चाहिए.
32. केंद्र पंच उच्च कार्बन इस्पात धातु का बना होता है.
33. रीमर सामान्यतः औजारी मिश्रधातु इस्पात धातु के बनाए जाते हैं.
34. बी.आई.एस. चूड़ी की गहराई 0.6403 P है.
35. माइक्रोमीटर का अल्पतमांक 0.01 मि.मी. है.
36. किसी लाइन में दो लिमिटस होती है.
37. सेंटर पंच का कोण 60 डिग्री होता है.
38. लेथ पर पतली प्लेट को पकड़ने के लिए मैग्नेटिक चक का प्रयोग करते हैं.
39. बीएसडब्ल्यू चूड़ी का चूड़ी कोण 55 डिग्री है.
40. वर्नियर बेवल प्रोटेक्टर की नयूनतम गणना 5 मिनट होती है.

41. माइल्ड स्टील के जॉब पर ड्रिलिंग करते समय सोल्युबल आयल कुलेंट प्रयोग करते हैं.
42. लेंथ टूल से अत्यधिक औरवहैंग होने से चैटरिग होने लगती है.
43. टेंपरिंग पद्धति में धातु की भंगुरता कम करने की कठोरता बढ़ाई जाती है.
44. टेलीस्कोपिक गेज का प्रयोग बड़े इंटरनल व्यास को चेक करने के लिए करते है.
45. मेलिएबिलिटी गुण के द्वारा धातु को शीट के रूम में रोलिंग किया जाता है.
46. रॉट आइरन का भंगुरता गुण है.
47. अननिलिंग अंदरूनी तनाव को दूर करने के लिए की जाती है .
48. स्लिप गेज को आपस में जोड़ने की क्रिया को रिगिंग कहते है.
49. स्टैपड पुली से विभिन्न स्पीडे प्राप्त की जा सकती है.
50. डेड सेंटर का पॉइंट एंगल 60 डिग्री होता है.

51. वायर टाइप बेल्ट फास्टनर्स का प्रयोग लाइट ड्यूटी मशीनों पर किया जाता है.
52. बुश बनाने के लिए कास्ट आइरन धातु का प्रयोग करते है.
53. ब्रेजिंग 450 डिग्री सेल्सियस से अधिक पर की जाती है.
54. स्प्रिट लेवल का प्रयोग किसी उपसाधन को होरिजांटल पोजीशन में चेक व सेट करने के लिए करते हैं.
55. रिफरेंस गैस की परिशुद्धता 0.001 मिमी होती है.
56. चिहन- ब्लॉक अथवा सतह गेज का आधार ढलवा लोहा धातु का बना होता है.
57. रीमर का प्रयोग छेद बढ़ाने के लिए करते हैं.
58. एक्मी चूड़ी का कोण 29 डिग्री होता है.
59. एक एसी मोटर की गति को डायक और ट्रायक का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है.
60. डायल टेस्ट इंडिकेटर के कंटेंक्ट प्लंजर को गोलकार आकार में बनाया जाता है.

61. क्ला हथौड़े का उपयोग ज्यादातर बढ़ईगिरी व्यवसाय में किया जाता है.
62. डेप्थ माइक्रोमीटर स्टेपड बोर के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
63. लेथ पर कार्य करते समय क्रॉस स्लाइड द्वारा कट की गहराई ली जाती है.
64. स्टील में कार्बन की प्रतिशत मात्रा बढ़ाने से हार्डनेस बढ़ जाती है.
65. कास्टिंग, वेल्डिंग, ब्रेजिंग और सोल्डरिंग विधि में धातु के लिए फ्युसिबिलीटी गुण आवश्यक है.

ऊपर आपको टर्नर ट्रेड ,turner iti meaning in hindi से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर एक लाइन में दिए गए हैं अगर यह प्रश्न उत्तर आपको फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर इनके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं .

10 thoughts on “टर्नर थ्योरी आईटीआई क्वेश्चन पेपर”

  1. Sir Very most questions hai exam ke liye aap ese hi questions or bhi aplod krna taki hame ncvt exam me or support mile, THANKS

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